बच्चे के जन्म पंजीकरण के समय माता पिता को अपना रिलिजन बताना हुआ अनिवार्य

बच्चे के जन्म पंजीकरण के समय माता पिता को अपना रिलिजन बताना हुआ अनिवार्य

 

बच्चे के जन्म पंजीकरण के समय माता पिता को अपना रिलिजन बताना हुआ अनिवार्यबच्चे के जन्म पंजीकरण के समय माता पिता को अपना रिलिजन बताना हुआ अनिवार्य

केंद्र सरकार द्वारा जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नियमों में संशोधन किया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा बनाए गए नए नियमों के अनुसार अब बच्चे के जन्म पंजीकरण के समय माता पिता को अपने नाम के साथ साथ अपने रिलिजन से संबंधित जानकारी देना भी अनिवार्य होगा। यहां माता और पिता दोनों के रिलिजन की जानकारी अलग अलग लिखी जाएगी। इस संशोधन से पूर्व जन्म प्रमाण पत्र में केवल परिवार का रिलिजन लिखा जाता था।

सर्टिफिकेट संबंधी जानकारी 
डिजिटल जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र पंजीकरण कानून, 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हो चुका है। इसे 11 अगस्त 2023 को संसद द्वारा संशोधित करके पास किया गया था। अब इस नवीन कानून के अंतर्गत तैयार होने वाले डेटाबेस का उपयोग राष्ट्रीय स्तर के महत्वपूर्ण कार्यों जैसे मतदाता सूची तैयार करने, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने, आधार कार्ड, संपत्ति पंजीकरण, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और राशनकार्ड आदि बनाने में होगा। ये सभी पंजीकरण नागरिक पंजीकरण प्रणाली की वेबसाइट crsorgi.gov.in पर किए जाएंगे।

कुछ नए कॉलम्स जोड़े गए  
जानकारी के अनुसार, कानून में संशोधन करके जन्म प्रमाणपत्र के फॉर्म नंबर 1- बर्थ रिपोर्ट में रिलिजन के लिए टिक मार्क चयन की आवश्यकता वाले कॉलम में एक और कॉलम बढ़ाया गया है, जिसमें नवजात बच्चे के माता-पिता के रिलिजन से संबंधित जानकारी भरी जायेगी। इसी प्रकार बच्चा गोद लेने पर भी माता पिता को अपना रिलिजन भरना होगा।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार, मुख्य रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार को इस डेटाबेस के साथ डेटा साझा करना आवश्यक है। सीआरएस डेटा ‘नागरिक पंजीकरण प्रणाली पर आधारित भारत के महत्वपूर्ण आंकड़े’ रिपोर्ट को संकलित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जो सामाजिक-आर्थिक योजना और सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों के मूल्यांकन में सहायता करता है। इस डेटा में जन्म के समय लिंगानुपात, शिशु मृत्यु दर, मृत शिशु का जन्म और मृत्यु सम्मिलित हैं। इस संशोधन का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और योजना तथा मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण आंकड़ों की सटीकता व पहुंच को बढ़ाना है।

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