चर्चा व चिंतन का उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी में

चर्चा व चिंतन का उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी में

 

 चर्चा व चिंतन का उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी में चर्चा व चिंतन का उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी में

उदयपुर, 29 मार्च, 2024। मेवाड़वासियों को कला व साहित्य जगत की हस्तियों से रूबरू करवाने और स्तरीय साहित्य का रसास्वादन कराने के उद्देश्य से कला-साहित्य का दो दिवसीय फेस्ट, मेवाड़ टॉक फेस्ट 30 मार्च से लेकसिटी स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के गोल्डन जुबली गेस्ट हाउस में शुरू होने जा रहा है। महोत्सव को लेकर विशेष रूप से युवा बड़े उत्साहित हैं।  उन्हें साहित्य व चिंतन से जोड़ने की दृष्टि से ही इस महोत्सव को संजोया गया है। अलग-अलग विषय के दो अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिंतक लक्ष्मीनारायण भाला ‘लक्खी दा’ और ‘रश्मि सामंत’ इस फेस्ट के अतिथि हैं, जो संभागियों से चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रश्मि सामंत पहले ही पहुंच चुकी हैं, वहीं लक्खी दा शनिवार प्रात: उदयपुर पहुंचेंगे। महोत्सव में पुस्तक मेला और फिल्म की स्क्रीनिंग का भी आकर्षण रहेगा।  

वेनिस से भी बेहतर है उदयपुर: सामंत

ऑक्सफोर्ड छात्र संघ (एसयू) की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष निर्वाचित होकर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में इतिहास बनाने वाली रश्मि सामंत ने शुक्रवार को ओल्ड सिटी में हेरिटेज वॉक किया, वहीं प्रताप गौरव केन्द्र, झीलों और मंदिरों को देखकर प्रसन्नता जताई। कर्नाटक के उडुपी की मूल निवासी सामंत पहली बार उदयपुर पहुंचीं और उन्होंने कहा कि हमारी चिरंतन संस्कृति विश्वभर में अनोखी है। उदयपुर शहर ने भी अपनी कला-शिल्प व संस्कृति को संजोये रखा है। यहां का नैसर्गिक सौंदर्य अनूठा है, लेकसिटी तो वेनिस से कहीं बेहतर है। सामंत ने यहां पर मेवाड़ की प्रसिद्ध दाल-बाटी का भी आनंद लिया और इसके स्वाद की सराहना की। आज सुबह फेस्ट के संरक्षक मदन मोहन टांक, समन्वयक रुचि श्रीमाली, विकास छाजेड़, दीपक टांक, दर्शन, संस्कृति आदि ने सामंत का स्वागत किया और उन्हें शहर का भ्रमण करवाया। यहां से सामंत शाम को चित्तौड़ पहुंचीं, जहां पर उन्होंने महिलाओं के साथ एक सत्र लिया और ‘आई डोंट नेगोशिएट विद माय आईडेंटिटी’ विषय पर चर्चा की। डॉ. सुनील खटीक ने उनका स्वागत कर परिचय कराया।

संविधान में राम, कृष्ण की तस्वीरों का राज खोलेंगे लक्ष्मीनारायण भाला:

संविधान विशेषज्ञ एवं समाजसेवी लेखक लक्ष्मीनारायण भाला ‘लक्खी दा’ शनिवार को उदयपुर पहुंचेंगे। वे इस महोत्सव के अंतर्गत भारत के संविधान के भीतर भगवान राम और कृष्ण के साथ ही सनातन संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हुई तस्वीरों का राज खोलेंगे और चर्चा करेंगे। अपनी पुस्तक ‘संविधान भाव एवं रेखांकन’ पर चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक तथा हिन्दी विशारद की उपाधि प्राप्त कलाप्रेमी लेखक संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, मराठी, नेपाली और मारवाड़ी भाषा एवं उड़िया तथा गुजराती लिपि के भी अच्छे जानकार हैं। उनकी तीन काव्य संग्रहों समेत लगभग 15 कृतियाँ प्रकाशित हैं। वे लेखन कार्य में रत रहते हुए मॉरिशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दुबई, फ्रांस, दक्षिण अमेरिका आदि अनेक देशों की यात्राएँ कर चुके हैं। वे कई संगठनों से जुड़े रहे हैं। हिंदुस्थान समाचार में राष्ट्रीय स्तर का दायित्व निभाने के बाद अब 2018 से हिन्दू आध्यात्मिक सेवा प्रतिष्ठान के दायित्व पर हैं। वे अंतरराष्ट्रीय न्यूज संस्थान के भी निदेशक हैं।

पुस्तक मेले में सजेंगी एक हजार से अधिक पुस्तकें:

फेस्ट के बुक कोर्डिनेटर हनुमान चौहान ने बताया कि मेवाड़ टॉक फेस्ट के अंतर्गत युवाओं को स्तरीय पुस्तकों और साहित्य के प्रति अनुरागी बनाने के उद्देश्य से एक पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें इच्छुक व्यक्ति पसंदीदा विषय की पुस्तकें खरीद भी सकेंगे। इसमें 11 प्रकाशकों की 1 हजार से अधिक पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अंतर्गत विभिन्न विषयों यथा जीवनी, साहित्य, उपन्यास, धार्मिक, विज्ञान, इतिहास, कला-संस्कृति के साथ-साथ प्रेरणादायी पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा। चौहान ने बताया कि प्रमुख रूप से गरुड़, नेशनप्रेस, प्रभात, ब्लूम्सबरी, हार्परकॉलिंस, हिन्दी साहित्य सदन आदि प्रकाशकों की पुस्तकों को स्थान दिया जाएगा।

यह रहेगा फेस्ट का कार्यक्रम:

मेवाड़ टॉक फेस्ट के सेशन प्लानर प्रीतम जवारियाँ ने बताया कि दो दिवसीय इस फेस्ट में पहले दिन 2 बजे से 7 बजे तक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं लेखिका रश्मि सामन्त ‘ए हिन्दू इन ऑक्सफोर्ड’ विषय पर तथा लेखक एवं विचारक लक्ष्मी नारायण भाला ‘भारत के संविधान की जन्म कथा’ विषय पर संभागियों से चर्चा करेंगे। दूसरे दिन, 31 मार्च को तीसरा सत्र होगा जो प्रातः 9.30 बजे से प्रारम्भ होकर 1 बजे तक रहेगा, जिसमें “बंगाल 1947“ फिल्म की स्क्रीनिंग होगी जिसमें दर्शक फिल्म के निदेशक और अभिनेताओं से चर्चा कर सकेंगे। इसके साथ ही आयोजन स्थल पर विभिन्न विषयों की पुस्तकों की स्टॉल्स भी लगेंगी, जिसमें पुस्तक प्रेमी पसंदीदा पुस्तकों को खरीद सकेंगे। फेस्ट के पुस्तक इंट्रो की कोर्डिनेटर रौनक उपाध्याय ने बताया कि फेस्ट में सत्र प्रारम्भ होने से पहले पंद्रह मिनट में एक पुस्तक का परिचय दिया जायेगा।

24 कार्य विभागों ने पूरी की तैयारी:

फेस्ट की कोऑर्डिनेटर रुचि श्रीमाली ने बताया कि फेस्ट को सफल बनाने के लिए लगभग एक माह से 47 सदस्यों की टीम कार्य कर रही है। कार्यों को 24 विभागों में बांटा गया है। शुक्रवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

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