राम जन्मभूमि मंदिर केवल मंदिर नहीं, यह लोगों की आत्मा का संरक्षण है- डॉ. कृष्ण गोपाल

राम जन्मभूमि मंदिर केवल मंदिर नहीं, यह लोगों की आत्मा का संरक्षण है- डॉ. कृष्ण गोपाल

राम जन्मभूमि मंदिर केवल मंदिर नहीं, यह लोगों की आत्मा का संरक्षण है- डॉ. कृष्ण गोपालराम जन्मभूमि मंदिर केवल मंदिर नहीं, यह लोगों की आत्मा का संरक्षण है- डॉ. कृष्ण गोपाल

नोएडा। प्रेरणा शोध संस्थान न्यास द्वारा भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रेरणा विमर्श 2023 की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी उपस्थित रहीं।

सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर केवल मंदिर नहीं है, यह लोगों की आत्मा का संरक्षण है। राम हमें द्वेष करना नहीं, द्वेष समाप्त करना सिखाते हैं।

मालिनी अवस्थी ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपने अनुभव साझा करने के साथ ही बचपन में राम मंदिर के निर्माण के संघर्षों को आँखों देखा और कानों सुना, राम भक्तों के संघर्ष और दर्द को अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा लोगों के लिए एक नया जन्म था, वह दिन सबसे सुंदर, सौम्य और पूरे विश्व के लिये सौभाग्यशाली दिन था, जो प्राण प्रतिष्ठा में उपस्थित था, उसमें प्रभु श्री राम की छवि परिलिक्षित हो रही थी। उन्होंने कहा कि वह अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गीत गाने का अवसर मिला और उन्हीं कुछ गीतों की पंक्तियाँ कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय माता जानकी को जाता है और इसलिए समाज में मातृशक्ति पूजनीय और सम्माननीय मानी जाती है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मालिनी अवस्थी ने सेक्टर 62 स्थित प्रेरणा भवन में पौधारोपण भी किया।

सूर्यप्रकाश टोंक ने भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अनुभवों को मंच से साझा किया और कहा कि जो वहाँ मंदिर में अनुभव किया था, वह हर भारतीय ने अपने घर बैठकर अनुभव किया।

कार्यक्रम के संयोजक शुभ्रांशु झा रहे, मंच का संचालन मोनिका चौहान ने किया।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *