आंदोलनकारियों के जमावड़े से त्रस्त हुई जनता, देश को हो रहा आर्थिक नुकसान
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी कई जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके इस जमावड़े से अब आम आदमी परेशान होने लगा है। लम्बे समय से चुप ग्रामीणों का गुस्सा भी बाहर आने लगा है। जमावड़ा स्थलों के आस पास के गांवों के लोग आंदोलनकारियों का विरोध कर उन्हें वे स्थान खाली करने का कह रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर हुई गुंडागर्दी से दुखी किसान संगठन भी आंदोलनकारियों का साथ छोड़ने लगे हैं। हाईवे जाम होने से जहॉं लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही हैं वहीं देश को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। टोल प्लाजाओं पर वसूली नहीं हो पा रही है, सब्जियों, फलों व अन्य सामग्रियों का आवागमन बाधित हो रहा है।
इस आंदोलन के चलते टोल वसूली में अब तक लगभग 600 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, वाहनों की आवाजाही और टोल को फ्री करने से टोल वसूली पर असर पड़ा है। आईसीआरए द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में नेशनल हाईवे पर स्थित कुल 52 टोल प्लाजा किसान आंदोलन के चलते प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं।
इस आंदोलन से देश को प्रतिदिन 3500 करोड़ का नुकसान हो रहा है। रेलवे को अब तक 2400 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पानीपत के कंबल उद्योग को 300 करोड़ और लुधियाना के होजरी उद्योग को 3500 करोड़ का नुकसान हुआ है।