पालघर
संत से जप है, संत ही तप है। संत से सृष्टि है, संत ही दृष्टि…
कविताएं
संत से जप है, संत ही तप है। संत से सृष्टि है, संत ही दृष्टि…
निशा के बाद प्रभात होगी वाणी में फिर राग होगी राष्ट्र की जय साथ होगी…
यह मरुधरा मां भारती के मस्तक का अमिट स्वाभिमान है, जांबाज़ योद्धा और वीरांगनाएँ इसकी…
आहत देश सहमता जीवन व्यापक हुई यहां महामारी याद आ गई हैं मुझको तो भूली…
विभिन्न धर्मों का संगम हूँ मैं, विभिन्न संस्कृतियों की पहचान हूँ , झाँसी की रानी…
प्रबल प्रचंड अद्भुत अभंग, सोने की चिड़ियाँ फिर बसाओ भारती के लाल हो, अखंड भारत…
सुन लो मेरी दर्द कहानी, कैसा मंजर छाया है। जिस घर की मैं रक्षा करती,…
विचार वातानुकूलित हो गए हैं सम्भ्रान्त भी, सुहाता नहीं उनको धरती पर उतरना, यथार्थ से…
हंसवाहिनी, ज्ञानदायिनी सरस्वती को वंदन कर लूं। सुखदायिनी, पालनहारी भारत भू अभिनन्दन कर लूं। जान…
मैं नई-नवेली दुल्हन सजा रही थी सपने सुनहरे हर लड़की की तरह… पर यह क्या??…
यत्र नार्यस्त पूज्यते रंमंते तत्र देवता। हमारी संस्कृति में नारी वंदनीय है। आधुनिक काल में…
ज्ञान की गंगा बहाओ पुस्तकों से दिल लगाओ। रात भी उजली लगेगी चाँद की छतरी…
लोकतंत्र एक पर्व लोकतंत्र को पर्व बनाएं भोर उठें तो भैरव गाएं नमन सूर्य को…
ये चंद पंक्तियाँ कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को समर्पित हैं वो वादियां जो हमारी…
देखिए कुछ काम बनता है क्या राष्ट्र बनाओ राष्ट्र जगाओ नए नए स्तम्भ सजाओ जीवन…