होली आई रे..
धर्मेंद्र कुमार होली आई रे.. होली आई रे फागुन की मस्ती छायी रे कि होली…
साहित्य भाषा
धर्मेंद्र कुमार होली आई रे.. होली आई रे फागुन की मस्ती छायी रे कि होली…
हम जो देते हैं, वही हमारे पास लौटकर आता है हमारे जीवन में अध्यात्म का…
बदल गई अवध नगरी जब विराजे रघुराई मन नहीं भरा तो पंक्ति में लग करते…
भानुजा श्रुति राममय भारत हमारा राममय भारत हमारा आज जन जन ने पुकारा हे…
कवींद्रनाथ सौंधी हम सब में है राम अंश हम सब में है राम अंश, यह…
महिलाओं का केश विन्यास महिलाएं कभी बाल खुले रखती हैं कभी एक चोटी कभी दो,…
सबको अयोध्या चलना है श्रीरघुवर जी की अवधपुरी में, प्राण प्रतिष्ठा होना है। निमंत्रण को…
विजय मनोहर तिवारी आज बाबर और मीर बाकी क्या सोच रहे होंगे..? लखनऊ में एक…
बृजेन्द्र सोनी हमें भव्यता वापिस लानी है अवधपुरी के धाम की जिसकी खातिर पुरखों…
राम गोपाल पारीक रानी हाड़ा का बलिदान उस नई नवेली दुल्हन की मेहंदी भी…
राम गोपाल पारीक स्वामी भक्त पन्नाधाय वह देखती रही पलंग को, जिस पर चंदन सोया…
सभी भाषाओं के माथे पे जगमग सी जो बिंदी है, वो हिंदी है वो हिंदी…
अंधेरे में दीपक को लेकर चलने वाले आदमी को यह भ्रम हो गया कि मैं…
बचपन में वीर शिवाजी को, जीजाबाई समझाती थी। इतिहास के काले पन्नों से, वो उनमें…
मातृभूमि के लिए जिया है, जिनने जीवन सारा।। गांँव -गांँव हर शहर- शहर में, उनका…
राम गोपाल पारीक आग छुपी थी अंगारों में….(कविता) आग छुपी थी अंगारों में, केवल राख…
राम गोपाल पारीक गुरुदेव सुनो विनती गुरुदेव सुनो विनती, अब राह दिखा देना इस पार…